उत्तर प्रदेश के हाथरस में युवती के साथ दुष्कर्म, उसकी मौत और फिर रात के अंधेरे में अंतिम संस्कार का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है। सोमवार को पीड़िता के परिवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के समक्ष पेश किया गया। सुनवाई जारी है। इसके लिए पुलिस अधिकारियों की टीम सुबह ही हाथरस पहुंच गई थी। कड़ी सुरक्षा के बीच परिवार के सदस्यों को लखनऊ लाया गया। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में हाथरस घटना की पीड़िता का रातोंरात अंतिम संस्कार कराने के मुद्दे पर सुनवाई कर रही है। यह मामला गरिमापूर्ण ढंग से अंतिम संस्कार के अधिकार टाइटिल के तहत जस्टिस पंकज मित्तल व जस्टिस राजन रॉय की बेंच के समक्ष सूचीबद्ध किया गया है।

बता दें, 1 अक्टूबर को इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव गृह, पुलिस महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था, जिलाधिकारी हाथरस और पुलिस अधीक्षक हाथरस को तलब किया था। कोर्ट ने मृतका के मां-पिता, भाई व बहन को भी हाजिर होने को कहा था। सोमवार को वे भी हाजिर रहेंगे।

इससे पहले पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई। सीबीआई ने हाथरस कांड में हत्या, सामूहिक दुष्कर्म, एससी-एसटी एक्ट व जानलेवा हमले समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है और हाथरस पहुंचकर जांच भी शुरू कर दी है। सीबीआई ने हाथरस के चंदपा थाने में युवती के भाई की ओर से 14 सितंबर को दर्ज कराई गई एफआईआर को ही अपने केस का आधार बनाया है। जांच महिला डिप्टी एसपी सीमा पाहूजा करेंगी। सीबीआई ने केस में दुष्कर्म को शामिल जरूर किया है, लेकिन इससे पहले सफदरगंज अस्पताल (दिल्ली) की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और आगरा की फोरेंसिक लैब में इसकी पुष्टि नहीं हुई थी।

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