खेतिया (सुभाष सोनेस) शासन की नीति के चलते हैं 90 वर्षीय वृद्ध को  भी खाद लेने के लिए आदिम जाति सेवा सहकारी समिति आना पड़ा। कृषकों के हित चिंतन की बातें करने में व धरातल पर उनके परिणाम जानने के लिए आदिम जाति सेवा सहकारी समिति खेतिया का यह उदाहरण सार्थकता सिद्ध करता है जब एक 90 वर्षीय किसान खाद के लिए अपने पोते के साथ आदिम जाति सेवा सहकारी समिति खेतिया के मैदान में उपस्थित होता है आदिम जाति सेवा सहकारी समिति के माध्यम से किसानों को खाद वितरित किया जाता है

जिसमें शासन के निर्देशानुसार समितियां पहले किसानों पर बकाया जमा करने का दबाव बनाती है उसके बाद खाद वितरण के लिए निर्धारित मापदंडों के अनुरूप किसान को स्वयं उपस्थित होना होता है जिसके चलते आज 90 वर्षीय किसान खाद लेने आदिम जाति सेवा सहकारी समिति खेतिया पहुंचा। प्रश्न तो अब उठता है कि प्रदेश मैं एक ओर खाद के लिए किसानों को परेशानी झेलना पड़ रही है वही प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने एसीएस कृषि को निर्देश जारी किए थे जिसमें कहा था कि अऋणी एवं डिफाल्टर किसानों को सहकारी सोसायटी के माध्यम से किसानों को नगद में खाद मिले,कृषि मंत्री के निर्देश की भी अवहेलना समिति द्वारा की जारही है,समिति द्वारा शाशन के दिशा निर्देशों की आड़ में दबाव बनाए जाने से स्थिति  यह कि समिति में किसानों का नदारद हो रहे है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *